लेखनी प्रतियोगिता -28-Dec-2021 बेटा जब होता हैखुशियां मनाई जाती है
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बेटा जब होता हैं, खुशियां मनाई जाती है,
और तो और दावत की रसम भी निभाई जाती है,
ससुराल की ओर से,भेली शगुन के तौर परमायके में
भिजवाई जाती है
और तो और,कुआ पूजन की रस्म भी निभाई जाती है,
बेटी जब होती है बस एक ही बात सुनाई जाती है
अरे क्या हुआ है, बेटी हुई है कोई बात नहीं--
दर्द होता है भेदभाव पर, जब बेटे की खुशियां मनाई जाती है--
बेटी होने की खुशी क्यों नहीं मनाई जाती है--
बेटा जब दूजा होता है,तब खुशियां दुगनी मनाई जातीहैं,
बेटी जब दूजी होती है, तब दुगनी बातें सुनाई जाती हैं, दूसरी बेटी
हो गई कोई बात नहीं, सब अपने भाग्य की लाती हैं--
बस यही बातें सुनाई जाती हैं,कोई बात नहीं, कोई बात नहीं--
में कुछ अनकही बात होती है--
सबके लिए तो, बस यह एक दिलासे की बात होती है,
लेकिन, उस माँ के दिल से पूछो, इस दिलासे से उसके--
दिल में कितनी चोट होती है,प्रार्थना है उस देवी से---
उस परमेश्वरी से कुछ ऐसा चमत्कार कर दो---
लोग तरसे बेटी को, बेटी जाति पर उपकार कर दो--
ना करें कोई हत्या बेटी की, कुछ ऐसा उपकार कर दो।
संगीता वर्मा✍✍
Shrishti pandey
29-Dec-2021 08:57 AM
Nice
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Abhinav ji
28-Dec-2021 11:58 PM
Nice
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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
28-Dec-2021 09:02 PM
Nice
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